अहले-बैत (अ.स.) समाचार एजेंसी -अबना- के अनुसार, ग़ज़्ज़ा पर अवैध राष्ट्र की बमबारी और भीषण हमलों में अपना घर बार और प्यारों को खोकर जो लोग जीवित बचे वह शरणार्थी के रूप में रफह पहुंचे जो अब ज़ायोनी बमबारी का सामना कर रहा है। ग़ज़्ज़ा के इस शहर के विभिन्न हिस्सों में शरणार्थी तंबुओं में रह रहे हैं। शरणार्थियों का एक समूह एक कब्रिस्तान के बगल में डेरा डाले हुए है।
13 फ़रवरी 2024 - 08:04
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